Monday, 19 May 2025

SEO क्या है और यह कैसे काम करता है?(What is SEO and How it works)


क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला प्लेटफार्म कौन सा है, तो द आंसर इज गूगल, गूगल पर एक महीने में 100 मिलियन से भी ज्यादा सर्च क्वेरी डाली जाती है,  लोग गूगल से सवाल करते हैं,तो ऐसे मे आपका कोई व्यवसाय(बिजनेस) है या आपकी कोई वेबसाइट है और गूगल या किसी भी सर्च इंजन पर  कोई भी व्यक्ति आपकी व्यवसाय(बिजनेस) संबंधित (रिलेटेड) या वेबसाइट संबंधित (रिलेटेड) कुछ भी टाइप कर रहा है या कुछ भी सर्च कर रहा है,तो ऐसे मे आप नहीं चाहेंगे कि आपकी वेबसाइट या आपका व्यवसाय(बिजनेस) एकदम टॉप पर दिखे जिससे कि आपको मिले, ज्यादा लीड्स और ज्यादा विजिट्स, तो इस चीज को करने के लिए, अपने व्यवसाय(बिजनेस) को अपनी वेबसाइट को, गूगल के या सर्च इंजन के शीर्ष पर पहुँचाने के लिए, हम करते हैं गतिविधि(एक्टिविटी), जिसे कहते हैं एसईओ यानी  सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन!

SEO का क्या मतलब है?(What means of SEO)

मतलब सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक जैविक विपणन(आर्गेनिक मार्केटिँग ) का तरीका है, जिसके अंदर आप अपनी वेबसाइट को इस तरह से ऑप्टिमाइजेशन करते है,इस तरह से उसमें कुछ परिवर्तन(चेंजेज) करते हैं जिससे कि वो गूगल पर शीर्ष पर रैंक कर पाए,अब ये जो एसईओ है सोने में जितना आसान लग रहा है उतना आसान नहीं है आपको सुनिश्चित करना है,की आपकी वेबसाइट, आपके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सबसे अच्छा हो , चाहे मै कंटेंट की बात करु , चाहे मै ऑफ पेज की बात करु, चाहे मै टेक्निकल पार्ट्स की बात करु। हर एक जिज में आपकी वेबसाइट आपके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सबसे अच्छी होनी चाहिए तभी तो वो पहला(फर्स्ट) पार रैंक करेगा, तो अगर आप एसओ सीखना चाहते हैं और इस डिमांडिंग रोल के लिए प्रिपरेशन करना चाहते हैं तो यह ब्लॉग है आपके लिए एकदम परफेक्ट क्योंकि इस एक ही ब्लॉग में आप सीखेंगे कंप्लीट एसईओ -ऑन पेज ,ऑफ पेज ,टेक्निकल एसईओ, के साथ-साथ एआई(AI)को कैसे आप यूज़ कर सकते हैं एसईओ में ,गूगल एनालिटिक्स(Google Analytics) और गूगल सर्च कंसोल(Google search console) को कैसे आप यूज़ कर सकते हैं एसईओ में!

SEO क्या है?(What is SEO?)

एसओ यानी यह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन होता क्या है तो बहुत ही बेसिक कांसेप्ट है लेकिन अगर आप ने यह चीज को अच्छे से समझ लिया कि आखिर एसओ क्या होता है तो आपके लिए एसईओ करना चाहे मैं प्रैक्टिकली बात करूं या किसी को समझाना कि एसओ क्या होता है क्यों आपको जरूरत है एसओ की यह चीज बहुत ही आपके लिए आसान हो जाएगी क्योंकि कई बार हमें क्लाइंट्स को भी समझाना पड़ता है कि एसओ हम करने वाले हैं तो आखिर ये है क्या उसकी इंपॉर्टेंस बतानी पड़ती है तो उससे पहले आपको खुद को पता होना चाहिए कि आखिर एसईओ क्या होता है इससे पहले कि हम एसईओ की बात करें उससे पहले हम चलते हैं सर्च इंजन पर जिसको हम ऑप्टिमाइज करने वाले हैं तो देखिए, जैसे हम आ जाते हैं गूगल पर, गूगल हम सालो से यूज़ करते आ रहे हैं गूगल एक सर्च इंजन हैं ,गूगल पर जब हमें कोई चीज सर्च करनी है,




जैसे की रिलेटेड टू (related to)मुझे कोई बिजनेस सर्च करना है, जैसे कि मैंने यहां पे सर्च किया ,जैसे मैंने यहां पे टाइप किया  "इंटीरियर डिजाइनिंग इन बैंगलोर"(interior designing in bangalore) मुझे इंटीरियर डिजाइनिंग रिलेटेड सर्विसेस चाहिए थी, कहां पर चाहिए बैंगलोर के अंदर चाहिए ,


तो आप देखोगे यहां पर मुझे काफी सारे रिजल्ट्स देखने को मिलते हैं ये हमारे हैं पेड रिजल्ट्स है, यहां पर देख रहे हैं ये स्पोंसर्ड(Sponsored)रिजल्ट्स दे रहे हैं ये आप देख सकते हो तो ये देखिए ये एक फर्स्ट साइट है, ये एक सेकंड साइट है, थर्ड साइट है, फोर्थ साइट है, ऐसे करते-करते हमें पता है कितने रिजल्ट दिखे हैं एप्रोक्सीमेटली सारी चीजें मिला के ये देखिए एप्रोक्सीमेटली हमें 18 मिलियन के आसपास हमें यहां पर रिजल्ट देखने को मिले हैं और कितनी देर में मिले हैं 0.58 सेकंड्स के अंदर अब यहां पर पॉइंट उठता है कि जैसे मैंने ये एक बिजनेस के बारे में कुछ भी सर्च किया तो यहां पर इतने लाखों करोड़ों रिजल्ट्स मुझे दिख रहे हैं लेकिन ये जो टॉप पर रिजल्ट आपको दिख रहे हैं, चलिए हम इनकी बात नहीं करते क्योंकि ये पेड रिजल्ट्स हैं तो अगर मैं बात करूं इन रिजल्ट्स की तो आखिर इनमें ऐसी क्या बात है जो ये फर्स्ट नंबर पे दिख रहा है ये सेकंड पे दिख रहा है ये थर्ड पे दिख रहा है जबकि हमारे पास रिजल्ट कितने हैं हजारों लाखों रिजल्ट्स हैं ये देखिए ये पेजेस आप चेंज करोगे तो आप दूसरे रिजल्ट्स पे पहुंच जाओगे तो पॉइंट यहां पर क्या है कि जब भी हम सर्च इंजन पे कुछ सर्च करें तो हमें कुछ रिजल्ट फर्स्ट पे दिखाई देते हैं कुछ सेकंड पे कुछ थर्ड पे कुछ 100 नंबर पर कुछ थाउजेंड नंबर पर कुछ लैक्स नंबर पर दिखाई देते हैं तो फर्स्ट पर जो रिजल्ट आते हैं ओबवियस(Obvious)सी  बात है की मैं इसी पर ही क्लिक(click)करूगा आज तक आप खुद से पूछिए कभी ऐसा हुआ है, आपने एकदम पेज के नीचे जाकर और यहां पर क्लिक कर रहे हो या फिर सेकंड पेज पर जा रहे हो, थर्ड पेज पर जा रहे हो, हुआ भी होगा तो 1% से 2%  टाइम्स ही हुआ होगा ,तो अब यहां पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन जो हम एसईओ की बात कर रहे हैं वो इसी चीज का गेम है हमारा टारगेट यही रहेगा कि हमारा जो बिजनेस है वो उसको हम यहां पर टॉप पर ला पाएं और इसी के लिए हम एसईओ करते हैं, तो चलिए अब हम वापस आते हैं हमारे एसईओ पर कि एसईओ क्या होता है कि जो एसईओ है यह दो वर्ड से मिलकर बना है फर्स्ट इज "सर्च इंजन" दूसरा इज "ऑप्टिमाइजेशन" तो यहां पर हम सर्च इंजन को ऑप्टिमाइज नहीं कर रहे हैं  फिर ये नाम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कैसे आया तो ये नाम ऐसे आया कि हम अपनी वेबसाइट को ऑप्टिमाइज कर रहे हैं हम सर्च इंजन को ऑप्टिमाइज नहीं कर रहे हैं हम अपनी वेबसाइट को ऑप्टिमाइज कर रहे हैं जैसे अभी आपने देखा हमने सर्च इंजन पर कोई रिजल्ट सर्च किया, कोई कीवर्ड हमने डाला अब लेट्स सपोज कि आपकी एक वेबसाइट है "इंटीरियर डिजाइनिंग" से रिलेटेड और आप बैंगलोर में सर्व करते हैं, आप नहीं चाहेंगे कि जब भी कोई पर्सन ये क्वेरी सर्च करें,ये कीवर्ड जब भी हमारी वेबसाइट रिलेटेड कोई भी कीवर्ड टाइप करें तो हमारी वेबसाइट टॉप पर दिखे इसे हम कहते हैं सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, अब इसकी एक परिभाषा(Definition) देख लेते हैं परिभाषा(Definition)रटना जरूरी नहीं है परिभाषा(Definition)को समझना जरूरी है!

परिभाषा(Definition)

"एसईओ इज अ प्रोसेस", सबसे पहले क्या है ये एक प्रोसेस है ये ऐसा नहीं कि एक टेक्नीक नहीं है कोई ऑन ऑफ का बटन नहीं है मैंने अपनी वेबसाइट प चालू कर दिया तो,मेरी वेबसाइट टॉप पर आ गई मेरी वेबसाइट को ऑफ कर दिया तो वेबसाइट नीचे चलेगी नहीं ,ऑन एंड ऑफ बटन,- दिस इज अ प्रोसेस जैसे कि एक बच्चा होता है एक छोटा बच्चा है आप उसको क्या करते हो कैसे सिखाते हो आप पहले उसको चलना सिखाते हो उसको बोलना सिखाते हो उसको ए बी सीडी सिखाते हो देन सेंटेंस बनाना सिखाते हो फिर आप उसको मोरल वैल्यूज देते हो तो एक बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए अच्छी सिटीजन बनाने के लिए प्रोसेस लगती है तो वैसे ही एक नॉर्मल वेबसाइट को एक ऑप्टिमाइज्ड वेबसाइट बनाने के लिए, जो कि रैंक कर पाए सर्च इंजंस पर ,इट टेक्स टाइम -इट टेक्स अ लॉट ऑफ स्टेप्स - इट्स टेक अ प्रोसेस ,तो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या है एक प्रोसेस है और ये वन टाइम प्रोसेस नहीं है ऐसा नहीं है कि हमने उसको बस एक बार कर दिया तो बस ये हमारी वेबसाइट टॉप पर रैंक कर रही है नहीं हमारे कंपीटर(competitor) भी तो काम कर रहे हैं तो यह चीज चेंज होती रहती है तो "इट इज़ अ प्रोसेस" करते रहोगे वेबसाइट टॉप पर रैंक करती रहेगी सो, "एसईओ इज अ प्रोसेस ऑफ इंप्रूविंग सर्च इंजन रैंकिंग", क्या प्रोसेस है इसमें हम क्या करते हैं हमारे "वेब पेजेस"(web-pages) की जो सर्च इंजंस पर रैंकिंग है उसको हम इंप्रूव करने का कोशिश करते हैं जब भी कोई हमारे बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड टाइप करें, अब यहां पर मैंने वर्ड लिया है "वेब पेजेस"(web-pages)तो वेब पेजेस क्या होता है वेबसाइट क्यों नहीं तो देखो वेबसाइट क्या होता है हम बचपन से पढ़ते आए हैं कि वेबसाइट इज अ कॉमिनेशन ऑफ वेरियस वेब पेजेस बहुत सारे वेब पेजेस को मिला के एक वेबसाइट बनती है तो कभी भी पूरी की पूरी वेबसाइट रैंक नहीं करती हमारे वेब पेजेस रैंक करते हैं,कभी होम पेज(Home-page) रैंक करता है, कभी अबाउट असस(About-Us), कभी कांटेक्ट अस(Contact-Us), कभी हमारे कोई इंटरनल पेजेस(Internal pages) रैंक करते हैं तो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन इज अ प्रोसेस जिसमें हम अपने वेब पेजेस की रैंकिंग को इंप्रूव करते हैं! कब रैंक होने चाहिए, जब हमारे बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड टाइप करें जैसे पुराना वाला एग्जांपल(example) लेते हैं आपकी बिजनेस है आपका वेबसाइट है "इंटीरियर डिजाइनिंग" से रिलेटेड कोई पर्सन टाइप कर रहा है "बेस्ट सेलो इन बैंगलोर" तो क्या आप चाहेंगे कि आपकी वेबसाइट उस पर रैंक करे ओबवियसली (Obviously) सी बात है नहीं तो इसीलिए हम जो एसईओ करेंगे उसमें हमारा मेन गोल(main goal)क्या रहेगा कि जब भी कोई मेरी वेबसाइट रिलेटेड, जब भी कोई मेरे बिजनेस रिलेटेड, कीवर्ड टाइप करे तो उसे मेरी वेबसाइट टॉप पर दिखे -अब इस परिभाषा(Definition) को पढ़िए सो, "एसईओ इज अ प्रोसेस ऑफ इंप्रूविंग द सर्च इंजन रैंकिंग ऑफ योर वेब पेजेस व्हेन(when)पीपल(people)सर्च फॉर योर बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड्स",- जब लोग आपके बिजनेस रिलेटेड ,वेबसाइट रिलेटेड कीवर्ड्स को सर्च करें ,-अब "कीवर्ड"(Keywords)क्या होता हैं जो हम किसी भी सर्च इंजन पर कुछ भी सर्च करने के लिए कोई भी वर्ड डाल रहे हो, चाहे एक वर्ड डाल रहे हो ,10 वर्ड डाल रहे हो कोई फर्क नहीं पड़ता, उसे हम बोलते हैं कीवर्ड्स तो जब भी कोई हमारे बिजनेस रिलेटेड, वेबसाइट रिलेटेड कीवर्ड डाले तो हमारे वेब पेजेस रैंक करें और इसके लिए जो हम काम कर रहे हैं इसके लिए जो हम प्रोसेस कर रहे हैं इसके लिए जो हम ऑप्टिमाइजेशन कर रहे हैं उसी को हम कहते हैं सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन" अब ये क्यों करते हैं तो ओबवियस(Obvious) सी बात है इससे हमारी वेबसाइट की क्वालिटी(Quality) और क्वांटिटी(Quantity) ऑफ ट्रैफिक बढ़ता है! ऑर्गेनिक ट्रैफिक देखो पेड ट्रैफिक मतलब जब आप ऐड्स चला रहे हो और लोग आपकी वेबसाइट पर आ रहे हैं लेकिन(but)यहाँ हम ऑर्गेनिक ट्रैफिक की बात कर रहे हैं  इसके लिए हम  गूगल(Google)को कुछ भी भुगतान नहीं कर रहा है! हम सिर्फ गूगल के लिए अपनी वेबसाइट को इतना अच्छा बना रहे हैं की लोग हमारी वेबसाइट पर आए तो इससे क्या होता है जब आपकी वेबसाइट टॉप पर रैंक करेगी तो आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक आएगा, आज आप खुद ही सोचिए कि गूगल पर आप कुछ भी सर्च करते हो तो क्या आप सेकंड पेज या थर्ड पेज पर जाते हो- ओबवियसली (Obviously)नहीं जाते हो, लेट्स से आपकी कोई वेबसाइट है और आपके बिजनेस से रिलेटेड कीवर्ड पर वो, सेकंड पेज पर रैंक कर रही है आपको लगता है कोई ऑडियंस वहां पे जाएगी बिल्कुल नहीं लेकिन ,अगर वही फर्स्ट पेज पे सेकंड पोजीशन  या थर्ड पोजीशन या फोर्थ पोजीशन पे रैंक कर रही है तो ऑफकोर्स आपको ट्रैफिक मिलेगा, तो सबसे पहला हमारा एसईओ में टारगेट यही होता है कि सबसे पहले हम अपनी वेबसाइट को सर्च इंजंस पर दिखाएं! अब दिखाएंगे "सर्च इंजन काम कैसे करता है? कैसे हम उसके अकॉर्डिंग अपनी वेबसाइट को पुट करते हैं?" सर्च इंजन पर दूसरा हमारा जो स्टेप होगा वो ये होगा कि,एटलीस्ट टॉप 10 में लेकर आ सके हम अपने बिजनेस को ,अपने बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड्स पर! टॉप 10 में ला सके तो टॉप 10 में भी अगर मानलो मतलब फर्स्ट पेज - एक पेज पर 10 रिजल्ट होते हैं तो एक पेज पर, जब 10 रिजल्ट्स में हम आ गए लेट्स से 10थ नंबर पर रैंक कर रहे हैं फिर हमारा टारगेट क्या होगा, कि टॉप फाइव(5) पर आ पाए फिर हमारा टारगेट क्या होगा टॉप फाइव(5) में भी टॉप थ्री(3) पर आ पाए टॉप थ्री(3) पर है तो फिर हमारा टारगेट होगा वन(1) पे आ पाए अब लेट्स सपोज कि अगर हम नंबर वन(1) पर रैंक कर रहे हैं हमारे बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड्स पर तो आप क्या करोगे एसईओ छोड़ दोगे नहीं- क्योंकि हमारे कंपीटीटर्स(Competitors)भी तो ट्राई(try) कर रहे हैं फर्स्ट पे आने के लिए तो इसीलिए इट इज अ प्रोसेस(process)! आपको करते रहना पड़ेगा जब आप फर्स्ट पे आ गए तो अब आपको ट्राई(try)करना है कि उस पोजीशन को मेंटेन(Maintane) करने के लिए ,और भी दूसरे कीवर्ड्स पर हम -जो है रैंक करने की कोशिश करेंगे तो दिस इज एसईओ सो वापस से रिवाइज कर लेते हैं कि एसईओ एक ऐसी प्रोसेस है, एसईओ एक ऐसी एक्टिविटी है जिसको हम इसलिए करते हैं जिसमें हम अपनी वेबसाइट को इस तरह से ऑप्टिमाइज करते हैं जिससे कि हमारी जो वेब पेजेस हैं उनकी रैंकिंग इंप्रूव हो - कब रैंकिंग इंप्रूव हो जब लोग हमारे बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड्स टाइप करें इससे क्या होता है इससे हमारी वेबसाइट पर जो ट्रैफिक है उसकी क्वालिटी एंड क्वांटिटी इंप्रूव होती है मतलब ज्यादा ट्रैफिक आएगा और अच्छी क्वालिटी का ट्रैफिक आएगा जो कि कन्वर्ट(Convert) होगा कन्वर्ट होने का मतलब है हमारे एक्चुअल में कस्टमर बनेंगे लीड्स हमें मिलेंगे तो ये होता है!  

SEO क्यों करना चाहिए? एसईओ का महत्व क्या है?

एसईओ  में हम बात करने वाले हैं कि एसईओ आखिर मैटर क्यों करता है? क्यों  हम एसईओ करते हैं? एसईओ की जरूरत आखिर क्यों  है ये चीज इसलिए भी इंपॉर्टेंट है क्योंकि आपका एसईओ करना चाहते हैं स्पेशली अगर मैं इंडिया की बात करूं एशिया की बात करूं तो ज्यादातर लोग इस टर्म से फैमिलियर नहीं है, इसकी इंपॉर्टेंस से फैमिलियर नहीं है तो ये चीज जब आपको पता होगी आप अपने क्लाइंट को ट्रांसफर करोगे और क्लाइंट- फिर ही तो आपको प्रोजेक्ट देगा क्योंकि कई लोगों को तो हमें जा जाकर बताना पड़ता है कि एसईओ करवा लो आपका बहुत बेनिफिट होगा तो आपको ये चीज पता होनी चाहिए तो अब एसईओ क्यों मैटर करता है क्योंकि देखो ये सारे पॉइंट्स हैं एक-एक करके समझेंगे तो आपको भी क्लियर होगा!  इसीलिए आप आगे वाले लोग को  कन्वेन्स कर पाओगे तू सबसे पहले जो भी लोग हैं! अगर मैं बात करूं जो भी कॉमर्स में इंगेज होना चाहते हैं कोई भी बिजनेस जो है देख रहे हैं उनका जो एक्सपीरियंस है अगर वो ऑनलाइन कुछ भी सर्च कर रहे हैं जैसे मैं आपसे पूछती हूं सबसे पहले जब आपने इंटरनेट यूज किया था आपने क्या यूज किया था कौन सा प्लेटफॉर्म यूज किया था आपने व्हाट्सएप(whatsApp)चलाया था,आपने इंस्टाग्राम(instagram)चलाया था,आपने फेसबुक(Facebook)चलाया था, नहीं हम सबने गूगल यूज़ किया था, जब हमने इंटरनेट यूज़ किया था तो सबसे पहले हमने गूगल ओपन किया था,तो यही चीज़ है, जो लोग हैं हमारे उनका जो ऑनलाइन अनुभव शुरू होता है वो सर्च इंजन से शरू होता है, किसी भी बिजनेस से संबंधित आप देखो-


1).ऑनलाइन अनुभव किसी भी बिजनेस का वो 93% टाइम कहा से शुरू होता है हमरे सर्च इंजन से हम सभी सबसे पहले इंटरनेट जब भी यूज़ करते है तो हम गूगल पर जाते है गूगल को हम यूज़ करते हैं गूगल को देखते है की किसने क्या कौन सा बिज़नेस हैं!
2). 75% यूजर्स कभी भी पेज टू पर नहीं जाते हैं आप खुद से पूछिए ना इतने टाइम से आप गूगल यूज कर रहे हो कितनी बार आप सेकंड पेज पर गए हो - 10 में से कोई एक बार 100 में से कोई दो बार कितनी बार ही गए हो, तो 75%  ऑफ यूजर्स कभी भी स्क्रॉल- पेज टू पर स्क्रॉल नहीं करते तो ऐसे में अगर आपके बिजनेस रिलेटेड कीवर्ड्स हैं और आपकी वेबसाइट रैंक कर रही है लेट्स से 11थ नंबर पर 12थ नंबर पर तो उसका फायदा कुछ नहीं है क्यों क्योंकि 75% यूजर्स तो जाएंगे ही नहीं वहां पे!
3). उसके अलावा 70% टू 80%  यूजर्स इग्नोर(ignore) करते हैं हमारी पेड ऐड्स(paid Ads)को जो स्पंस ऐड(Sponsored Ads)चल रही होती है ना उनको छोड़कर वो रिजल्ट पे आते हैं सीधा ऑर्गेनिक पर क्योंकि उनको भी पता होता है कि ये तो प्रमोटेड ऐड्स है! 
4).उसके अलावा जो स्मार्टफोन यूजर्स हैं वो कहते हैं कि 82% ऑफ- उनमें से जो लोग हैं वो कहते हैं कि हमें कोई भी लोकल बिजनेस ढूंढना होता है तो हम कहां जाते हैं सर्च इंजंस पे जाते हैं तो अगर आपका एक लोकल बिजनेस है एक लोकल बिजनेस की वेबसाइट है तो आपके लिए सर्च इंजन बहुत ही बढ़िया चीज है उसी के अलावा जब हमारी वेबसाइट रैंक करेगी तो क्या होगा विजिबिलिटी(Visibility) बढ़ेगी विजिबिलिटी का मतलब होता है ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी दिखेगी जब विजिबिलिटी बढ़ेगी सर्च इंजन पे तो ट्रैफिक बढ़ेगा ओबवियसली (Obviously)सी बात है और जब ट्रैफिक बढ़ेगा तो कन्वर्जन(Conversion) ज्यादा होंगे कन्वर्जंस मतलब हमें लीड्स ज्यादा मिलेंगी कस्टमर्स ज्यादा मिलेंगे क्लाइंट ज्यादा मिलेंगे लेट्स सपोज(let's suppose) आपको ऑफलाइन ही लीड्स मिलती है आपका बिजनेस है आपको ऑफलाइन लीड्स मिलती है ऑनलाइन नहीं मिलती है तो उस केस में भी एक पर्सन देखेगा ऑफलाइन भी आपसे वो लीड आई है आपके पास तो वो भी क्या करेगा ऑनलाइन एक बार तो आपकी प्रेजेंस चेक करेगा ना! 
5).वेबसाइट या व्यवसाय में उपयोगकर्ता का विश्वास बढ़ाता है! जब आप सही तरीके से एसईओ करते हो तो क्या होता है  आपकी वेबसाइट का रैंक बढ़ता है ,ट्रैफिक आपको मिलता है, यूजर्स आपको मिलते हैं, लीड आपको मिलते हैं,  तो इसीलिए एसईओ हमारा जो है जरूरी है!

What is a Search Engine?(सर्च इंजन क्या है?)

सर्च इंजन क्या है? क्योंकि हम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन सीख रहे हैं, यानी एक कार को चलाना सीख रहे हैं, लेकिन अगर हमने यही नहीं जाना कि कार होती क्या है? तो कैसे हम कार चला पाएंगे, तो वैसे ही सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन अगर सीख रहे हैं तो सर्च इंजन के बारे में तो बात करनी बनती है क्योंकि अगर सर्च इंजन को आपने समझ लिया उसकी वर्किंग को समझ लिया, तो काम बहुत ही आसान हो जाएगा तो सर्च इंजन होता क्या है? तो देखिए जब सर्च इंजन डिस्कवर भी नहीं हुआ था, सर्च इंजन जैसे लॉन्च भी नहीं हुआ था जैसे मैं google(गूगल) की बात करो, तो google(गूगल) 1998 में लॉन्च हो चुका था(GOOGLE WAS OFFICIALLY LAUNCHED IN 1998 BY LARRY PAGE & SERGEY BRIN)लेकिन  2000 के बाद में ही पॉपुलर हुआ और लोग यूज करना चालू किया था लेकिन इंटरनेट तो इससे बहुत पहले से आया हुआ है, तो लोग इंटरनेट कैसे यूज़ कर रहे थे? वेबसाइट्स तो इससे पहले भी बहुत बन रही थी, तो कैसे बन रही थी तो देखो यहां पर क्या था,



कि पहले ब्राउजर्स होते थे ,अब ब्राउजर्स का काम क्या था 



कि वो सर्वर से कनेक्ट होते थे और जो भी वेबसाइट आप वहां पर पुट करते थे जो भी एड्रेस(Address)आप पुट करते थे, यूआरएल(URLs) पुट करते थे वो वेबसाइट आपको दिखाई जाती थी लेकिन यहां पर वही मसला होता था, जो फोन के साथ होता है कि हमें एक-एक नंबर जैसे याद रखना पड़ता था, जब पहले फोन सेव नहीं कर पाते थे हम तो क्या करते थे हम एक-एक नंबर हमें याद रखना पड़ता था तो जब भी किसी को फोन डायल करना है तो वो नंबर हमें याद होना चाहिए लेकिन अभी क्या हो गया है अभी स्मार्ट फोन  आ गए तो स्मार्ट फोन  में क्या हुआ है कि हमें नंबर याद नहीं रखना पड़ता हम सारे नंबर एक साथ फीड करके रख सकते हैं और कुछ भी हम सर्च करेंगे तो जैसे किसी का भी आपने नाम सर्च किया तो सारी वहां पे डायरेक्ट्री(directory)आपके सामने आ जाएगी, तो वैसे ही काम सर्च इंजन का था,कि पहले हमें ब्राउज़र में एक-एक यूआरएल(URLs)को याद रखना पलटा था, यह काम थोड़ा सा मुश्किल हो जाता था तो उस केस में क्या हुआ कि सर्च इंजन की डिस्कवरी हुई और सर्च इंजन ने क्या किया कि, अब आपको एक-एक यूआरएल याद रखने की जरूरत नहीं है आप सिर्फ अपने कीवर्ड्स डालो, अपनी क्वेरीज(Query/Queries) डालो और हम आपको उससे रिलेटेड इंटरनेट पर जो भी कंटेंट है वो आपको दिखाएंगे, तो यह काम था सर्च इंजन का तो अगर कोई आपसे पूछता है- सर्च इंजन नहीं होता तो क्या होता तो, सर्च इंजन अगर नहीं होता तो हमें एक-एक यूआरएल एक-एक वेबसाइट का एड्रेस जो है वो याद रखना पड़ता और वो हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता, तो अब बात करते हैं सर्च इंजन आखिर होता क्या है तो सर्च इंजन जिसे आपका मतलब है एक ऐसा सॉफ्टवेयर सिस्टम या एक एप्लीकेशन या फिर एक ऐसी वेबसाइट जिसका काम है कि वेब पर जो भी डाटा पड़ा है जो इंटरनेट पर जो भी डाटा पड़ा है उसको वो आपके लिए सर्च करके निकालेगा- कैसे सर्च करके निकालेगा जब आप उसको क्वेरीज(Queries)दोगे जब आप उसको कोई भी वर्ड(words) उस पर पुट करोगे तो उस वर्ड्स के बेसिस पर वो आपको क्या करेगा अच्छे-अच्छे रिजल्ट्स निकाल के देगा, (A search engine is a software system that is designed to carry out web searches).

SERP(SEARCH ENGINE RESULTS PAGE-खोज इंजन परिणाम पृष्ठ)?

सर्च इंजन क्या है? सर्च इंजन एक ऐसा सॉफ्टवेयर सिस्टम है, एक ऐसी एप्लीकेशन है, ऐसी वेबसाइट है, जिसका काम है इंटरनेट पर जो भी कंटेंट पड़ा है उसको आपके लिए ढूंढ कर निकालना/ढूंढना यानी सर्च करना और इसीलिए इसे सर्च इंजन कहते हैं! तो सर्च इंजन काम कैसे करता है?



आपने यहां पर कोई भी क्वेरी(Query)डाली जैसे मान लो मैंने यहां पर ये क्वेरी(query)डाली(digital marketing)तो
इस क्वेरी(query) के बेसिस पर, इस (digital marketing)क्वेरी को यूज करके, यह हमें क्या निकाल के देगा रिजल्ट्स निकाल के देगा, तो अब गूगल ने क्या किया है, इस क्वेरी(query)को इस्तेमाल किया है और उसने इंटरनेट पर जो भी इस क्वेरी(query)से संबंधित डेटा था,वो हमें यहां निकरकर देखाया, इसे हम कहते हैं रिजल्ट! यानी हमने कोई क्वेरी(query)करी, जब आप किसी से कोई सवाल करते हो तो आपको क्या मिलता है आपको आंसर/जवाब(Answer)मिलता है तो आंसर/जवाब(Answer) मतलब रिजल्ट(Result)मिलता है आपको, तो ये देखो ये आपको जो रिजल्ट मिल रहा है,

ये रिजल्ट जिस पेज के ऊपर, ये जो पेज आपको दिख रहा है ना यहां पर ये जो पेज है -जिसके पेज के ऊपर आपको रिजल्ट दिखाया गया है इसे हम कहते हैं SERP यानी सर्च इंजन परिणाम पृष्ठ(SEARCH ENGINE RESULTS PAGE).
सर्च इंजन रिजल्ट पेज क्या होता है, तो सर्च इंजन रिजल्ट पेज इज दैट पर्टिकुलर पेज- दैट पर्टिकुलर वेब पेज ये देखो ना वेब पेज ही है ये भी एक; जिस पर सर्च इंजन आपको रिजल्ट दिखाता है, उसे हम कहते हैं सर्च इंजन रिजल्ट्स (Search engine result page is that particular webpage on which the search engine shows the results of your keywords.)

TOP 10 SEARCH ENGINE(शीर्ष 10 खोज इंजन)

टॉप 10 सर्च इंजंस की जब भी बात आती है तो-
1. GOOGLE 
2. BING - Microsoft Search Engine
3. YAHOO - Oldest/father of Search Engine
4. YANDEX - Russia Search Engine

5. DUCKDUCKGO - security/data privacy -जैसे ज्यादातर जो एथिकल हैकर्स होते हैं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स होते हैं वो डग डक गो यूज़ करते हैं 

6. BAIDU - China Search engine 

7. ECOSIA - एक चैरिटी बेस्ड सर्च इंजन है यानी अगर आप इशिया पर कुछ भी सर्च करते हो तो जितना भी पैसा इशिया अर्न करेगा वो सारा का सारा ओशन क्लीनिंग में जाता है

8. WOLFRAM ALPHA - ये जो सर्च इंजन है ये काफी तेजी से इमर्ज हो रहा है मतलब काफी लोगों को मैंने इसको यूज़ करते हुए देखा है इसमें एड्स(Ads) वगैरह नहीं दिखती हैं इसका जो ब्राउजर वगैरह है उसमें, और अगेन(Again) इसमें कैटेगरी(category) वाइज आप सर्च कर सकते हो ,जैसे WOLFRAM ALPHA में आप कैटेगरी वाइज वहां पर कैटेगरी बनी हुई है कि आपको एजुकेशन कंटेंट चाहिए, टेक्निकल वाइज चाहिए, एंटरटेनमेंट वाइज चाहिए ,तो वो आप चूज कर सकते हो 

9. NAVER -साउथ कोरिया का  ये एक सर्च इंजन है कोरियन लैंग्वेज में 

10. CC SEARCH PORTAL - ये जो सर्च इंजन है ये डाटा उठाता google,BING,YAHOO,etc. से  से इन सभी से डाटा उठाता है लेकिन इसकी खास बात यह है कि सीसी सर्च पोर्टल(CC SEARCH PORTAL) पे आप कुछ भी सर्च करोगे तो आपको जो भी कंटेंट मिलेगा वो सब कॉपीराइट फ्री होगा यानी आप वहां का कंटेंट एकदम फ्रीली यूज़ कर सकते हो कोई आप पर कॉपीराइट नहीं आएगा तो काफी लोगों की पसंद है स्पेशली अगर आप एक कॉपीराइटर हैं  तो आपको यहां से काफी सारी इंस्पिरेशन मिल जाएगी तो ये है 10 सर्च इंजंस जो कि आज के टाइम में आप एक्सप्लोर कर सकते हो 

ब्लॉग के एंड में अगर आपने इस ब्लॉग से कुछ भी सीखा हो या आपको ब्लॉग अच्छी लगी हो तो आपके जो भी इनपुट्स हैं जो भी आप सोचते हैं इस ब्लॉग के बारे में या कोई और कंटेंट आप चाहते हैं हम आपके लिए लेकर आएं तो वो भी हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए...


1 comment:

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